Rajasthan Agriculture Supervisor Syllabus 2025: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा कृषि पर्यवेक्षक भर्ती अधिसूचना के साथ ही नया सिलेबस और एग्जाम पैटर्न जारी कर दिया जाता है। अभ्यर्थी वर्ष 2025-26 में आयोजित होने वाली लिखित परीक्षा की तैयारी के लिए कृषि पर्यवेक्षक सिलेबस और कृषि पर्यवेक्षक एग्जाम पैटर्न इस आर्टिकल में चेक कर सकते हैं।
राजस्थान एग्रीकल्चर सुपरवाइजर सिलेबस की लिखित जानकारी को पीडीएफ फॉर्मेट में डाउनलोड करने का सीधा लिंक नीचे दिया गया है। अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में टॉप स्कोर हासिल करने के लिए अभी से परीक्षा की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। कृषि पर्यवेक्षक परीक्षा 2025 का आयोजन 25 जनवरी 2026 को किया जाएगा।
अभ्यर्थियों को कृषि पर्यवेक्षक सिलेबस और एक्जाम पैटर्न को समझते हुए तैयारी शुरू करनी चाहिए, जिससे कि कम समय में अच्छा स्कोर हासिल किया जा सकता है। अभ्यर्थी कृषि पर्यवेक्षक एग्जाम पैटर्न और सिलेबस को समझने के लिए Agriculture Supervisor Previous Year Paper हल कर सकते हैं, इससे सिलेबस को समझना आसान हो जाएगा।
Rajasthan Agriculture Supervisor Syllabus 2025 Highlight
Exam Organization | Rajasthan Subordinate Staff Selection Board (RSMSSB) |
Name Of Exam | Agriculture Supervisor |
Exam Mode | Offline |
Exam Date | 25 January 2026 |
Result Date | 25 May 2026 |
No Of Marks | 300 |
Negative Marking | 1/3 |
Category | RSMSSB Syllabus 2025 |
Rajasthan Agriculture Supervisor Syllabus & Exam Pattern 2025
राजस्थान कृषि पर्यवेक्षक लिखित परीक्षा का आयोजन कुल 300 अंकों के लिए किया जाएगा, जिसमें कृषि विषय के साथ ही राजस्थान के सामान्य ज्ञान विषय से कुल 100 प्रश्न पूछे जाएंगे। गलत उत्तर करने पर 0.33 अंकों भी नेगेटिव मार्किंग की जाएगी। कर्मचारी चयन बोर्ड के नए नियम के मुताबिक सभी गोले खाली छोड़ने पर भी नेगेटिव मार्किंग लागू की जाएगी।
वहीं 10% से अधिक गोले खाली छोड़ने वाले अभ्यर्थियों को संबंधित परीक्षा से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। उम्मीदवार Rajasthan Agriculture Supervisor Syllabus और एग्रीकल्चर सुपरवाइजर एक्जाम पैटर्न को इस लेख में नीचे दिए गए डायरेक्ट लिंक की सहायता से डाउनलोड कर सकते हैं। परीक्षा में सामान्य हिंदी, पशुपालन, उद्यानिकी, राजस्थान का सामान्य ज्ञान, इतिहास और संस्कृति सहित विभिन्न विषय शामिल है।
Rajasthan Agriculture Supervisor Exam Pattern 2025
राजस्थानी एग्रीकल्चर सुपरवाइजर एग्जाम पैटर्न की जानकारी निम्नानुसार हैं:
- Exam Mode: कृषि पर्यवेक्षक परीक्षा का आयोजन विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर ऑफलाइन माध्यम से किया जाएगा।
- Exam Type: सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ एवं बहुविकल्पीय प्रकार के पूछे जाएंगे।
- Exam Duration: पेपर करने के लिए अभ्यर्थियों को कुल 2 घंटे अर्थात 120 मिनट का समय दिया जाएगा।
- No Of Question: विभिन्न विषयों से पांच भागों में कुल 100 प्रश्न पूछे जाएंगे।
- No Of Marks: कृषि पर्यवेक्षक परीक्षा 300 अंकों की होगी, प्रत्येक प्रश्न के लिए 3 अंक निर्धारित किए गए हैं।
- Exam Subjects: परीक्षा में सामान्य हिंदी, राजस्थान का सामान्य ज्ञान, इतिहास, संस्कृति, उद्यानिकी, पशुपालन और कृषि विज्ञान विषय शामिल है।
- Negative Marking: गलत उत्तर करने और कोई भी गोला खाली छोड़ने की स्थिति में 1/3 अंकों का नकारात्मक अंकन किया जाएगा।
- Note: विषयवार पूछे जाने वाले प्रश्न और अंकों का विवरण निम्नानुसार है:
Subject | Questions | Marks |
General Hindi | 15 | 45 |
General Knowledge, History & Culture of Rajasthan | 25 | 75 |
Agronomy | 20 | 60 |
Horticulture | 20 | 60 |
Animal Husbandry | 20 | 60 |
Total | 100 | 300 |
Rajasthan Agriculture Supervisor Syllabus 2025 in Hindi
राजस्थान एग्रीकल्चर सुपरवाइजर सिलेबस पीडीएफ डाउनलोड करने का डायरेक्ट लिंक नीचे दिया गया है, इसके अतिरिक्त उम्मीदवार कृषि पर्यवेक्षक सिलेबस की विस्तृत लिखित जानकारी यहां चेक कर सकते है।
भाग – I सामान्य हिंदी (15/45)
- 1 दिए गए शब्दों की संधि एवं शब्दों का संधि विच्छेद।
- 2 उपसर्ग एवं प्रत्यय- इनके संयोग से शब्द संरचना तथा शब्दों से उपसर्ग एवं प्रत्यय को अलग करना, इनकी
पहचान। - 3 समस्त सामासिक पद की रचना करना, समस्त सामासिक पद का विग्रह करना।
- 4 शब्द युग्मों का अर्थ भेद निकालना।
- 5 विलोम शब्द और पर्यायवाची शब्द।
- 6 शब्द शुद्धि – दिए गए अशुद्ध शब्दों को शुद्ध रूप में लिखना।
- 7 वाक्य शुद्धि – वर्तनी संबंधी अशुद्धियों को छोड़कर वाक्य संबंधी अन्य व्याकरणीय अशुद्धियों का शुद्धिकरण करना।
- 8 वाक्यांश के लिए एक उपयुक्त शब्द।
- 9 पारिभाषिक शब्दावली – प्रशासन से सम्बन्धित अंग्रेजी शब्दों के समकक्ष हिन्दी शब्द खोजना।
- 10 लोकोक्ति – वाक्यों में केवल सार्थक प्रयोग अपेक्षित है।
- 11 मुहावरे – वाक्यों में केवल सार्थक प्रयोग अपेक्षित है।
भाग II राजस्थान का सामान्य ज्ञान, इतिहास एवं संस्कृति (25/75)
- 1 राजस्थान की भौगोलिक संरचना – भौगोलिक विभाजन, जलवायु, प्रमुख पर्वत, नदियां, मरूस्थल और फसलें।
- 2 राजस्थान का इतिहास:
- a) सभ्यताएं – कालीबंगा एवं आहड़
b) प्रमुख व्यक्तित्व – राव जोधा, राव मालदेव, महाराणा कुंभा, वीर दुर्गादास, जयपुर के महाराजा मानसिंह प्रथम, महाराणा सांगा, महाराणा प्रताप, महाराजा जसवंतसिंह, सवाई जयसिंह, बीकानेर के महाराजा गंगासिंह इत्यादि।
राजस्थान के प्रमुख लोक कलाकार, संगीतकार, गायक कलाकार, साहित्यकार, खेल एवं खिलाड़ी इत्यादि। - 3 भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में राजस्थान का योगदान एवं राजस्थान का एकीकरण।
- 4 विभिन्न राजस्थानी बोलियां, कृषि, पशुपालन क्रियाओं की राजस्थानी शब्दावली।
- 5 कृषि, पशुपालन एवं व्यावसायिक शब्दावली।
- 6 लोक देवी-देवता, प्रमुख संत और सम्प्रदाय।
- 7 प्रमुख लोक पर्व, त्योंहार, मेले, पशु मेले।
- 8 राजस्थानी लोक कथा, लोक गीत एवं नृत्य, मुहावरे, कहावतें, फड़, लोक नाट्य, लोक वाद्य एवं कठपुतली कला।
- 9 विभिन्न जातियां और जन जातियां।
- 10 स्त्री और पुरूषों के वस्त्र एवं आभूषण।
- 11 चित्रकारी और हस्तशिल्पकला – चित्रकला की विभिन्न शैलियां, भित्ति चित्र, प्रस्तर शिल्प, काष्ठ कला, मृदभांड (मिट्टी) कला, उस्ता कला, हस्त औजार, नमदे और गलीचे।
- 12 स्थापत्य दुर्ग, महल, हवेलियां, छतरियां, बावड़ियां, तालाब, मंदिर मस्जिद।
- 13 संस्कार और रीति रिवाज।
- 14 धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन स्थल इत्यादि।
भाग III – शस्य विज्ञान (20/60)
- राजस्थान की भौगोलिक स्थिति
- कृषि एवं कृषि सांख्यिकी का सामान्य ज्ञान
- राज्य में कृषि, उद्यानिकी एवं पशुधन का परिदृश्य एवं महत्व
- राजस्थान की कृषि एवं उद्यानिकी उत्पादन में मुख्य बाधाएं
- राजस्थान के जलवायुवीय खण्ड, मृदा उर्वरता एवं उत्पादकता
- क्षारीय एवं उसर भूमि, अम्लीय भूमि एवं इनका प्रबन्धन
- राजस्थान में मृदाओं का प्रकार
- मृदा क्षरण
- जल एवं मृदा संरक्षण के तरीके
- पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्व, उपलब्धता एवं स्त्रोत
- राजस्थानी भाषा में परम्परागत शस्य क्रियाओं की शब्दावली
- जीवांश खादों का महत्व, प्रकार एवं बनाने की विधियां
- नत्रजन, फास्फोरस, पोटेशियम उर्वरक, एकल, मिश्रित एवं योगिक उर्वरक एवं उनके प्रयोग की विधियां
- फसल उत्पादन में सिंचाई का महत्व
- सिंचाई के प्रमुख स्त्रोत
- फसलों की जल मांग एवं प्रभावित करने वाले कारक
- सिंचाई की विधियां विशेषत –
- फव्वारा
- बूंद बूंद
- रेनगन आदि।
- सिंचाई की आवश्यकता
- सिंचाई का समय एवं मात्रा
- जल निकास एवं इसका महत्व
- जल निकास की विधियां
- राजस्थान के संदर्भ में परम्परागत सिंचाई से संबंधित शब्दावली
- मृदा परीक्षण एवं समस्याग्रस्त मृदाओं का सुधार
- साईजेल
- हे मेकिंग
- चारा संरक्षण
- खरपतवार :- विशेषताएं, वर्गीकरण, खरपतवारों से नुकसान, खरपतवार नियंत्रण की विधियां
- राजस्थान की मुख्य फसलों में खरपतवारनाशी रसायनों से खरपतवार नियंत्रण
- खरतपवारों की राजस्थानी भाषा में शब्दावली
- निम्न मुख्य फसलों के लिए –
- जलवायु
- मृदा
- खेत की तैयारी
- किस्में
- बीज उपचार
- बीज दर
- बुवाई समय
- उर्वरक
- सिंचाई
- अन्तराशस्यन
- पौध संरक्षण
- कटाई मढाई
- भण्डारण एवं फसल चक्र की जानकारी
- अनाज वाली फसलें :-
- मक्का
- ज्वार
- बाजरा
- धान
- गेहूं एवं जौ।
- तिलहनी फसलें:- मूंगफली
- तिल
- सोयाबीन
- सरसों
- अलसी
- अरण्डी
- सूरजमुखी एवं तारामीरा।
- प्रमुख दालें :- मूंग,
- चंवला
- मसूर
- उड़द
- मोठ
- चना एवं मटर।
- रेशेदार फसलें:- कपास
- चारे वाली फसलें:- बरसीम, रिजका एवं जई।
- मसाले वाली फसलें:- सौंफ, मैथी, जीरा एवं धनिया।
- नकदी फसलें:- ग्वार एवं गन्ना।
- उत्तम बीज के गुण
- बीज अंकुरण एवं इसको प्रभावित करने वाले कारक
- बीज वर्गीकरण
- मूल केन्द्रक बीज
- प्रजनक बीज
- आधार बीज
- प्रमाणित बीज।
- शुष्क खेती:- महत्व, शुष्क खेती की तकनीकी।
- मिश्रित फसल, इसके प्रकार एवं महत्व।
- फसल चक्र – महत्व एवं सिद्धान्त।
- राजस्थान के संदर्भ में कृषि विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी।
- अनाज एवं बीज का भण्डारण।
भाग IV – उद्यानिकी (20/60)
- उद्यानिकी फलों एवं सब्जियों का महत्व
- वर्तमान में फलों एवं सब्जियों की स्थिति और भविष्य फलदार पौधों की नर्सरी प्रबन्धन
- पादप प्रवर्धन
- पौध रोपण
- फलोद्यान के स्थान का चुनाव एवं योजना
- उद्यान लगाने की विभिन्न रेखांकन विधियां
- पाला, लू एवं अफलन जैसी मौसम की विपरीत परिस्थितियां एवं इनका समाधान
- फलोद्यान में विभिन्न पादप वृद्धि नियंत्रकों का प्रयोग
- सब्जी उत्पादन की विधियां
- सब्जी उत्पादन में नर्सरी प्रबन्धन।
- राजस्थान में जलवायु, मृदा, उन्नत किस्में, प्रवर्धन विधियां
- जीवांश खाद व उर्वरक
- सिंचाई, कटाई, उपज
- प्रमुख कीट एवं बीमारियां एवं इनका नियंत्रण सहित निम्न उद्यानिकी फसलों की जानकारी:-
- आम
- नीम्बू वर्गीय फल
- अमरूद
- अनार
- पपीता
- बेर
- खजूर
- आंवला
- अंगूर
- लहसूवा
- बील
- टमाटर
- प्याज
- फूल गोभी
- पत्ता गोभी
- भिंडी
- कद्दू वर्गीय सब्जियां
- बैंगन
- मिर्च
- लहसून
- मटर
- गाजर
- मूली
- पालक।
- फल एवं सब्जी परीरक्षण का महत्व
- फल सब्जियों की वर्तमान स्थिति एवं भविष्य
- फल परीरक्षण के सिद्धान्त एवं विधियां
- डिब्बाबंदी, सुखाना एवं निर्जलीकरण की तकनीक व राजस्थान में इनकी परम्परागत विधियां
- फलपाक (जैम) और अवलेह (जेली)
- केन्डी, शर्बत और पानक (स्क्वेश) इत्यादि को बनाने की विधियां।
- औषधीय पौधों और फूलों की खेती का राजस्थान के संदर्भ में सामान्य ज्ञान
- राजस्थान के संदर्भ में उद्यान विभाग की महत्वपूर्ण योजनाएं।
भाग V – पशुपालन (20/60)
- पशुपालन का कृषि कार्य में महत्व
- पशुधन का दूध उत्पादन में महत्व और प्रबन्धन।
- निम्न पशुधन नस्लों की प्रमुख विशेषताएं, उपयोगिता व उत्पति स्थान का सामान्य ज्ञान :-
- गाय:- गीर, थारपारकर, हरियाणा, मेवाती, नागौरी, राठी, जर्सी, होलिस्टन फ्रिजीयन, मालवी।
- भैंस:- नीली रावी, भदावरी, मुर्रा, सूरती, जाफरवादी, मेहसाना।
- बकरी:- बारबरी, जमनापारी, बीटल, टोगनबर्ग।
- भेड़ :- जैसलमेरी, अविवस्त्र, मारवाडी, चोकला, मालपुरा, मेरीनो, कराकुल और अविकालीन।
- ऊंट प्रबन्धन
- पशुओं की आयु गणना
- सामान्य पशु औषधियों के प्रकार, उपयोग, मात्रा तथा दवाईयां देने का तरीका।
- जीवाणुरोधक:- फिनाईल
- कार्बोलिक एसिड
- पोटेशियम परमेगनेट (लाल दवा)
- लाईसोल।
- विरेचक: – मेग्नेशियम सल्फेट (मैकसल्फ), अरण्डी का तेल।
- उत्तेजक: – एल्कोहल, कपूर।
- कृमिनाशक:- नीला थोथा, फिनोविस।
- मर्दन तेल: – तारपीन का तेल इत्यादि।
- राजस्थान के पशुओं की मुख्य बीमारियों के कारक, लक्षण तथा उपचार:-
- पशु-प्लेग
- खुरपका-मुंहपका
- लंगड़ी
- एन्थ्रेक्स
- गलघोटूं
- थनेला रोग
- दुग्ध बुखार
- मुर्गियों की खूनीपेचिस
- रानीखेत
- मुर्गियों की चेचक।
- दुध उत्पादन
- दुध एवं खीस संघटन
- स्वच्छ दुध उत्पादन
- दुध परिरक्षण
- दुध की गुणवत्ता
- दुध में वसा को ज्ञात करना
- आपेक्षित घनत्व, अम्लता तथा क्रीम पृथक्करण की विधि तथा यंत्रों की आवश्यकता
- दही, पनीर व घी बनाने की विधि
- दुग्धशाला के बरतनों की सफाई एवं जीवाणु रहित करना
- राजस्थान के संदर्भ में पशुपालन क्रियाओं एवं गतिविधियों से संबंधित शब्दावली इत्यादि।
Note: प्रिय, पाठकों इस लेख में राजस्थान एग्रीकल्चर सुपरवाइजर सिलेबस 2025 और राजस्थान एग्रीकल्चर सुपरवाइजर एग्जाम पैटर्न 2025 की संपूर्ण लिखित जानकारी वर्ष 2023 में आयोजित हुई कृषि पर्यवेक्षक भर्ती सिलेबस के आधार पर दी गई है। एग्रीकल्चर सुपरवाइजर सिलेबस 2025-26 की जानकारी नई भर्ती अधिसूचना जारी होने के बाद इस आर्टिकल में अपडेट कर दी जाएगी। अभ्यर्थी नीचे दिए गए पीडीएफ ऑप्शन पर क्लिक करके Rajasthan Agriculture Supervisor Syllabus 2025 Download कर सकते हैं।
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Rajasthan Agriculture Supervisor Syllabus 2025 – FAQ,s
राजस्थान एग्रीकल्चर सुपरवाइजर एग्जाम 2025 में कब है?
Rajasthan Agriculture Supervisor Exam 2025 का आयोजन 25 जनवरी 2026 को ऑफलाइन माध्यम से किया जाएगा।
राजस्थान एग्रीकल्चर सुपरवाइजर न्यू सिलेबस 2025 पीडीएफ कैसे डाउनलोड करें?
उम्मीदवार कर्मचारी चयन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर कैंडिडेट कॉर्नर के अंतर्गत सिलेबस अनुभाग में जाकर आसानी से Agriculture Supervisor New Syllabus PDF Download कर सकते है।